शौचालय तो है, मगर पानी नहीं – क्या कागज़ से पोंछेंगे?

घरघोड़ा/रायगढ़।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालयों को भले ही सरकार उपलब्धता की गिनती में जोड़ रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। अनुविभागीय कार्यालय घरघोड़ा में स्थित शौचालय में पानी की व्यवस्था नदारद है। शौचालय तो बना दिया गया, मगर बिना पानी के क्या यह उपयोग के लायक है? यह सवाल आज आमजन पूछ रहे हैं।
दफ्तर में रोजाना आने वाले नागरिकों, ग्रामीणों और कर्मचारियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। पानी न होने की वजह से शौचालय इस्तेमाल करने के बाद साफ-सफाई का संकट बना रहता है। सवाल ये उठता है कि क्या सरकारी दफ्तर में लोगों से कागज़ से सफाई की उम्मीद की जा रही है?
स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बाद भी प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। “एक ओर स्वच्छता की बड़ी-बड़ी बातें होती हैं, दूसरी ओर बुनियादी सुविधा तक मुहैया नहीं” – यह प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह स्वच्छता अभियान की गंभीर उपेक्षा मानी जाएगी। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत संज्ञान लेकर शौचालय में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करे, ताकि आमजन को गरिमा के साथ सुविधा मिल सके।